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शासन का निर्देश, अब सुरक्षा व्यवस्था भूतपूर्व सैनिकों एवं होमगार्डों के भरोसे

उत्तर प्रदेश के सभी उप निबंधक कार्यालयों में तैनात होंगे भूतपूर्व सैनिक और होमगार्ड, सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु शासन ने जारी किए निर्देश,

स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवेन्द्र जायसवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन ने प्रदेश के 380 उप निबंधक कार्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी एवं व्यवस्थित बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शासन ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सभी उप निबंधक कार्यालयों में सुरक्षा गार्ड के रूप में भूतपूर्व सैनिकों एवं होमगार्डों की तैनाती की जाएगी ताकि अभिलेखों, संपत्ति पंजीकरण दस्तावेजों एवं कार्यालय परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

प्रमुख सचिव अमित गुप्ता द्वारा महानिरीक्षक निबंधन, उत्तर प्रदेश लखनऊ को संबोधित पत्र के माध्यम से कहा गया है कि शासन द्वारा पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव के अनुरूप प्रदेश के 380 उप निबंधक कार्यालयों की सुरक्षा हेतु कुल 315 भूतपूर्व सैनिकों एवं 789 होमगार्डों की व्यवस्था की जाएगी। इस व्यवस्था के लिए शासन स्तर से कुल वार्षिक व्यय ₹40,53,82,883.64 (चालीस करोड़ तिरपन लाख बयासी हजार आठ सौ तिरासी रुपये चौसठ पैसे) की स्वीकृति प्रदान की गई है।

शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि इन सुरक्षा सेवाओं की तैनाती उत्तर प्रदेश भूतपूर्व सैनिक निगम लिमिटेड तथा होमगार्ड विभाग के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए संबंधित दरों पर भुगतान की व्यवस्था की जाएगी। महानिरीक्षक निबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस व्यवस्था के अंतर्गत न्यूनतम आवश्यकताओं के अनुसार सुरक्षा गार्ड एवं होमगार्डों की तैनाती सुनिश्चित करें और त्वरित स्तर से आवश्यक कार्रवाई कर रिपोर्ट शासन को भेजें।

शासन ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन कार्यालयों का संचालन निजी परिसरों या किराए के भवनों में हो रहा है, वहाँ भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए भूतपूर्व सैनिकों एवं होमगार्डों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से की जाए। इससे अभिलेखों, संपत्ति पंजीकरण दस्तावेजों, कम्प्यूटर प्रणाली एवं अन्य मूल्यवान उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के कुल 269 कार्यालयों में सुरक्षा के लिए 789 होमगार्ड रखे जाने का प्रावधान किया गया है। इनके भुगतान हेतु लगभग ₹3.37 करोड़ की धनराशि निर्धारित की गई है।

इस निर्णय का उद्देश्य निबंधन विभाग के सभी उप कार्यालयों में पारदर्शी एवं सुरक्षित कार्य वातावरण तैयार करना है। शासन का कहना है कि बढ़ते डिजिटलीकरण और संपत्ति पंजीकरण के बढ़ते कार्यभार को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का मजबूत होना समय की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए आवंटित बजट का उपयोग नियमानुसार एवं पारदर्शी ढंग से किया जाए, और किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही पर प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी।

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