Kota Student Suicide: ‘सॉरी पापा मैं JEE नहीं निकाल सकता’ ये लिखकर कोटा में एक और छात्र ने की आत्महत्या, बच्चों पर अपनी मर्ज़ी थोपने का दुष्परिणाम
Kota Student Suicide: कोटा में पुलिस प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद भी छात्रों द्वारा आत्महत्या किये जाने की घटनाओं में कमी नहीं आ पा रही है। देखा जाये तो इन आत्महत्याओं की वजह न तो कोचिंग सेंटर हैं और न ही पुलिस प्रशासन की ढिलाई, बल्कि…
कोटा: Kota Student Suicide- राजस्थान के कोटा में रहकर कोचिंग कर रहे अब एक और छात्र द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। यहाँ JEE की तैयारी कर रहे एक कोचिंग छात्र ने यह कहकर सल्फास खाकर
आत्महत्या कर ली कि वह JEE नहीं निकाल सकता।
छात्र के आत्महत्या करने से पहले कमरे में एक सुसाइड नोट भी छोड़ा जिसमें उसने लिखा कि “सॉरी पापा मैं JEE नहीं निकाल सकता।” आत्महत्या करने वाले छात्र का नाम अभिषेक कुमार है, जो बिहार के भागलपुर का रहने वाला था। और कोटा के निजी कोचिंग सेंटर में JEE Mains की तैयारी कर रहा था। (Kota Student Suicide)
बता दें कि कोटा में यह पहली ऐसी घटना नहीं है जब किसी छात्र ने आत्महत्या की हो। यहाँ आये दिन छात्र छात्राओं द्वारा आत्महत्या करने की ख़बरें आती रहती हैं। इसलिये अब लोग कोटा को एजुकेशन सिटी की बजाये ‘सुसाइड सिटी’ कहने लगे हैं। (Kota Student Suicide)
हालाँकि पुलिस प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद भी कोटा से ऐसी छात्रों द्वारा आत्महत्या किये जाने की घटनाओं में कमी नहीं आ पा रही है। देखा जाये तो इन आत्महत्याओं की वजह न तो कोचिंग सेंटर हैं और न ही पुलिस प्रशासन की ढिलाई…(Kota Student Suicide)
असल वजह वें पेरेंट्स हैं जो अपने बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार विषय न चुनकर अपनी पसन्द के विषय थोप देते हैं। हालाँकि पेरेंट्स अपने बच्चों पर यह ज़बरदस्ती हैं अपने बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के लिये ही, लेकिन पेरेंट्स का यह निर्णय उस समय ग़लत सिद्ध हो जाता है जब बच्चे पढ़ाई से हताश होकर आत्महत्या कर लेते हैं। (Kota Student Suicide)
इसलिये पेरेंट्स अथवा माँ बाप को चाहिये कि वे अपने बच्चों पर अपनी मर्ज़ी थोपने की बजाये अपने बच्चों की रुचि और क़ाबलियत को समझने का प्रयास करें कि उनका बच्चा पढ़ने में कैसा है और उसकी रुचि किस फील्ड में है? (Kota Student Suicide)
अगर पेरेंट्स अपने बच्चे के उज्ज्वल भविष्य बनाने के प्रयास का यह अंधानुकरण करेंगे या अपना सामाजिक स्टेटस दिखाने के लिये बच्चों पर अपनी मर्ज़ी थोपते रहेंगे तो उसका ये ही दुष्परिणाम होता है। (Kota Student Suicide)
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