Namaz Banned On Roads: यूपी में अब अगर सड़क पर नमाज़ पढ़ोगे तो लग जायेगा हज यात्रा पर बैन
Namaz Banned On Roads:
उत्तर प्रदेश: Namaz Banned On Roads: वैसे तो भारत में हर नागरिक को अपने अपने धर्म का पालन करने की आज़ादी का प्रावधान है। क्योंकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 तक यह अधिकार दिया गया है। लेकिन इस आज़ादी की एक सीमा है, जिसके अन्दर रहते हुए ही भारत में अब तक सभी धर्मों के अपने अपने धर्मो के अनुसार इबादत करते करते आ रहे थे और अपने अपने धर्मो का प्रसार कर रहे थे। लेकिन देखा जाये तो आज के नये भारत में यह आज़ादी मात्र एक धर्म तक ही सिमटकर रह गयी है। बाक़ी धर्मो के लोगों लिये रोज़ नये नये नियम लागू किये जा रहे हैं।

अगर देखा जाये तो कोई भी ऐसा धार्मिक काम जो सड़क जाम होने से जनता के लिये परेशानी का सबब बने वो सही नहीं है। लेकिन भारत एक विविध धार्मिक मान्यताओं वाला देश है। यहाँ आये दिन किसी न किसी धर्म के धार्मिक जुलूस आयोजित होते रहते हैं। संभवतः सड़क जाम की स्तिथि पैदा होती है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन देश की अधिकांश जनता एक दूसरे धर्म का सम्मान करते हुए थोड़ी देर की इस परेशानी को सह लेती है। (Namaz Banned On Roads)
ऐसे ही इस वर्ष चालू रमज़ान माह में देश के कुछ भागों जैसे दिल्ली व पश्चिम बंगाल से सड़क पर जुमे की नमाज़ पढ़ने की कुछ तस्वीरें सामने आयी हैं। कुछ स्थानों पर सड़क पर पढ़ी गयी जुमे की नमाज़ों का यह मामला माननीय सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है। जहाँ पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना प्रशासन की अनुमति के सड़क पर इस प्रकार से इबादत नहीं हो सकती।” सही बात है कोर्ट का यह आदेश का सभी धर्म के लोगों को पालन करना चाहिये। (Namaz Banned On Roads)
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, वहीं अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने सड़कों पर नमाज़ पढ़ने वालों के लिये एक नया ही नियम लागू कर दिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने ऐलान किया है कि यदि कोई व्यक्ति सड़क पर नमाज़ पढ़ते हुए पकड़ा जाता है तो उसको अब हज की यात्रा पर जाने की अनुमति ही नहीं दी जायेगी। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “क़ानून का पालन न करने वालों पर सख़्त कार्यवाही की जायेगी।” (Namaz Banned On Roads)
अब इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय के भी कई लोगों की प्रतिक्रिया सामने आयी है। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, कुछ मुस्लिम नेताओं व मौलानाओं ने कहा है कि “सड़कों पर नमाज़ पढ़ना इस्लाम में जायज़ नहीं है। नमाज़ मस्जिदों अथवा यनिर्धारित स्थान पर ही पढ़नी चाहिये ताकि दूसरों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।” (Namaz Banned On Roads)
हालांकि विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश में जब शासन-प्रशासन ने सड़कों पर नमाज़ पढ़ने पर रोक लगा दी थी तो तब कुछ लोग अब छतों पर नमाज़ पढ़ने की अनुमति माँगने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में सम्भल के SDM के हवाले से बताया जा रहा है कि “अब कुछ लोग कह रहे हैं कि, सड़क पर नमाज़ न सही लेकिन छत पर तो नमाज़ पढ़ने दें।” SDM का कहना है कि “ऐसा लगता है कि कुछ लोग नियमों को तोड़ने के तरीक़े खोजने में लगे रहते हैं।”
शीर्षक सूचना स्रोत: Zee News-India (एडिटेड)
ये भी पढ़ें: यूपी के मेरठ में मस्जिद के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने पर हिन्दुत्ववादी संगठन के नेता के विरुद्ध मामला दर्ज
WhatsApp ग्रुप-2 जॉइन करने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।