Supreme Court Decision: सुप्रीम कोर्ट का निर्णय, पाकिस्तान को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देना या आर्टिकल 370 की आलोचना करना कोई अपराध नहीं
नई दिल्ली: Supreme Court Decision- सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक निर्णय में कहा कि “आर्टिकल 370 समाप्त किये जाने की आलोचना करना या पाकिस्तान को 14 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस की बधाई देना कोई अपराध नहीं है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय एक मुस्लिम प्रोफ़ेसर जावेद हज्जाम द्वारा व्हाट्सएप पर पाकिस्तान को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और आर्टिकल 370 के आलोचनात्मल स्टेटस लगाने के आरोपों से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कही। (Supreme Court Decision)
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच का कहना है कि “किसी को भी क़ानून की सीमा भीतर रहकर आलोचना करने का संवैधानिक अधिकार है। क्योंकि हर भारतीय को संविधान के अनुच्छेद-19 के अन्तर्गत अपनी बात कहने का अधिकार है…
अगर कोई भी भारतीय नागरिक किसी किसी दूसरे देश के नागरिक को उनके स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दे भी देता है तो यह अपराध नहीं माना जा सकता।” मीडिया रिपोर्ट्स में बार एण्ड बेंच की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया जा रहा है कि “इस मामले में कोर्ट का कहना है कि….
यदि भारत का एक नागरिक पाकिस्तान के नागरिकों को उनके 14 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस की बधाई देता है, तो इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है, क्योंकि यह तो सद्भावना का प्रतीक है। इसलिये अपीलकर्ता के उद्देश्यों पर मात्र इसलिये सवाल नहीं उठाया जा सकता कि वह एक विशेष धर्म से है। (Supreme Court Decision)
आपको बता दें कि याचिकाकर्ता जावेद हज्जाम (जिसको एक विशेष विशेष विचारधारा द्वारा आरोपी बनाने का प्रयास किया गया) महाराष्ट्र के कोल्हापुर जनपद के संजय घोडावत कॉलेज में प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत है। जावेद हज्जाम इससे पूर्व कश्मीर के बारामूल का निवासी था।
और फ़िर वह रोज़गार के सिलसिले से महाराष्ट्र आ गया था। इसने कुछ महीने पहले अपने व्हाट्सएप पर स्टेटस स्टेटस लगाया था, जिनमें कहा गया था कि “5 अगस्त जम्मू-कश्मीर Black Day, 14 अगस्त पाकिस्तान को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें। अनुच्छेद 370 समाप्त किया गया, इससे हम ख़ुश नहीं हैं।” (Supreme Court Decision)
प्रोफ़ेसर जावेद हज्जाम के इसी व्हाट्सएप स्टेटस के विरुद्ध IPC की धारा 153-A के अन्तर्गत यह मामला दर्ज किया गया था और बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले की सुनवाई करते हुए प्रोफ़ेसर जावेद हज्जाम को राहत दी है। (Supreme Court Decision)
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